संसद भवन की सुरक्षा में सेंध एवं घुसपैठ के बाद जांच कमेटी ने संसद की सुरक्षा की जिम्मेदारी CISF को देने की सिफारिश की है. सदन परिसर के सर्वे के बाद अब CISF संभालेगी सुरक्षा की जिम्मेदारी.
जांच कमेटी की सिफारिश की बाद अब CISF संभालेगी संसद की सुरक्षा की जिम्मेदारी। इससे पहले यह काम दिल्ली पुलिस के जिम्मे था। यह बड़ा फैसला 13 दिसंबर को संसद भवन में घुसपैठ के बाद लिया गया है। संसद में घुसपैठ को लेकर विपक्षी पार्टिया केंद्र सरकार पर लगातार निशाना साध रही है। विपक्ष के सभी दलों ने मांग की है कि सदन में हुई इस सुरक्षा चूक को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सदन में आकर बयान दे।
CISF को सुरक्षा की जिम्मेदारी देने का फैसला जाँच कमेटी की सिफारिश की बाद दिया गया है। CISF सुरक्षा का जिम्मा लेने से पूर्व संसद भवन परिसर का सर्वे करेगी।
गौरतलब है कि संसद में घुसपैठ करने के मामले में पुलिस ने कार्यवाही करते हुए सभी छ: आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने जब आरोपियों से पूछताछ की तो कई चौकाने वाले खुलासे किये थे। जांच व आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस ने ललित झा को संसद सुरक्षा में सेंध का मास्टरमाइंड बताया। ललित झा ने ही अपने साथियो के साथ संसद में घुसपैठ कर सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचने की योजना बनाई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद भवन घुसपैठ की कड़ी आलोचना की –
प्रधानमंत्री मोदी ने सुरक्षा में सेंध को लेकर अपने पीड़ा व्यक्त की। दैनिक जागरण को दिए अपने एक इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा था की, संसद में घुसपैठ की घटना में पक्ष-विपक्ष के सभी दलों में कोई वाद-विवाद नहीं होना चाहिए। सभी दलों के सदस्यों को किसी भी प्रकार की टिका-टिप्पणी से बचना चाहिए। घुसपैठ करने वालो के मंसूबे जानना बहुत जरुरी है।
इसी इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहा कि , ब्रह्मांड की कोई ताकत अनुच्छेद 370 को वापस लागु नहीं कर सकती है। संसद सुरक्षा चूक के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा की यह घटना चिंताजनक होने के साथ-साथ दुखद भी है. ऐसी घटनाये देश की छवि को विश्वपटल पर प्रभावित करती है. इसका पता लगाना अत्याधिक आवश्यक है की इस घटना के पीछे का असली कारण क्या था ? आरोपियों के मंसूबे क्या थे…. ? इसके बाद ही स्थिति साफ़ हो पायेगी।
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